Top positive review
5.0 out of 5 starsNice papercover with good quality
Reviewed in India on 15 March 2018
मेंलुहा के मृत्यंजय पढ़ने के बाद आपको यह स्पष्ट हो गया होगा कि चंद्रवंशियों के खिलाफ युद्ध जीत जाने के बावजूद भी शिव अत्यंत चिंतित है क्योंकि उसे अभी तक नागा और चंद्रवंशियों के मध्य का संबंध समझ में नहीं आ रहा है और अब कुछ नागा सती का पीछा करते हुए उस पर आक्रमण कर रहे हैं जिसका शिव बड़ी बहादुरी से जवाब देता है इसी ताने बाने में शिव त्रयी कि ये दूसरी रचना रची गई है आपको यह पुस्तक अवश्य पसंद आएगी क्योंकि जो रहस्य पुस्तक पढ़ने पर आपके सामने आएगा वह आपको और अधिक रोमांचित कर देगा यह पुस्तक रोमांच से भरी हुई है । और इसी कारण अमीश की गिनती भारत के अच्छे लेखकों में होने लगी है ।बेशक वे एक अच्छे कहानीकार हैं